कभी ख़्वाहिश था लोगों की अब मर चुका हूँ, उनकी नज़रो में एक योजित मौत उन गुनाहों के लिए, जो मैंने किये ... कभी ख़्वाहिश था लोगों की अब मर चुका हूँ, उनकी नज़रो में एक योजित मौत उन गुनाहों के...
आशा और उम्मीदों के धागों को जोड़ों कोशिशों से जब तक है सांसें बुलंद रखो इरादे। आशा और उम्मीदों के धागों को जोड़ों कोशिशों से जब तक है सांसें बुलंद र...
ये हमारी ज़िन्दगी की विडम्बना है कि जो जीना चाहते हैं उन्हें मौत ले जाती है और जो मरना चाहते वे हैं... ये हमारी ज़िन्दगी की विडम्बना है कि जो जीना चाहते हैं उन्हें मौत ले जाती है और ...
हड़बड़ाहट में मैं अपने स्वप्न डाल देता हूँ भट्टी में, अनेकों स्वप्न झोक देता हूँ, आह!.... भट्टी में ... हड़बड़ाहट में मैं अपने स्वप्न डाल देता हूँ भट्टी में, अनेकों स्वप्न झोक देता हूँ...
नव भारत की आशा है जो, जाने कहाँ वो हिंदी अब सो रही है... नव भारत की आशा है जो, जाने कहाँ वो हिंदी अब सो रही है...
एकांत में भी हिन्दी को अपने पास ही पाया... एकांत में भी हिन्दी को अपने पास ही पाया...